साहित्य4 months ago
Classical Shayari: उन के देखे से जो आ जाती है मुँह पर रौनक़, मिर्ज़ा ग़ालिब की सदाबहार ग़ज़ल
Classical Shayari: उन के देखे से जो आ जाती है मुँह पर रौनक़ ग़ज़ल हुस्न-ए-मह गरचे ब-हंगाम-ए-कमाल अच्छा है उस से मेरा मह-ए-ख़ुर्शीद-जमाल अच्छा है बोसा...