Ahmed Faraz Poetry: करेगा कौन तेरी बेवफ़ाइयों का गिला Ahmed Faraz Poetry: ग़ज़ल बुझी नज़र तो करिश्मे भी रोज़ो शब के गये के अब तलक नही...
वो नही मिला तो मलाल क्या, जो गुज़र गया सो गुज़र गया उसे याद करके ना दिल दुखा, जो गुज़र गया सो गुज़र गया
Motivation Shayari: मरूँगा भी तो हज़ारों को ज़िन्दगी देकर। Motivation Shayari ग़ज़ल बुझा है दिल भरी महफ़िल में रौशनी देकर मरूँगा भी तो हज़ारों को ज़िन्दगी...
जानता था कि सितमगर है मगर क्या कीजे दिल लगाने के लिए और कोई था भी नहीं
Best Motivational Shayari: मज़ा तो तब है कि हम हार के भी हंसते रहें Best Motivational Shayari: मज़ा तो तब है कि हम हार के भी...
हम को मिटा सके ये ज़माने में दम नहीं हम से ज़माना ख़ुद है ज़माने से हम नहीं बे-फ़ाएदा अलम नहीं बे-कार ग़म नहीं तौफ़ीक़ दे...
My Life Shayari: अपनी हैरत गंवा चुका हूँ मैं, अमरदीप सिंह ‘अमर’ शब की बाहों में है निढाल कोई काश पूछे न हाल-चाल कोई बे-ज़रूरत सी ...
घर की फ़ज़ा को चुप सी लगी थी दफ़्तर में ख़ामोशी थी। जो दर खोला ऐसा खोला दर दर में ख़ामोशी थी। कल की रात ऐसी...
पहले सबको ज़ख़्म दिखाना पड़ता है फिर पलकों से नमक उठाना पड़ता है ख़ुद से ख़ुद तक दूरी तो है मामूली बीच में लेकिन एक ज़माना...