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Supreme Court GST Ruling: अब करदाताओं के लिए टैक्स प्राधिकरण का समन मानना अनिवार्य
सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा है कि GST summons का पालन करना हर करदाता की कानूनी जिम्मेदारी है। जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस आर. महादेवन की बेंच ने स्पष्ट किया कि समन केवल जांच प्रक्रिया का हिस्सा है और इसे नज़रअंदाज़ करना संभव नहीं।

Supreme Court GST Ruling: Supreme Court का बड़ा फैसला: GST Summons को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता
नई दिल्ली, 16 अगस्त 2025 – सुप्रीम कोर्ट ने GST taxpayers के लिए साफ कर दिया है कि टैक्स अथॉरिटी द्वारा जारी किए गए GST summons का पालन करना अनिवार्य है।
जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस आर. महादेवन की दो जजों की बेंच ने कहा कि यह समन सिर्फ जानकारी और दस्तावेज़ उपलब्ध कराने के लिए होता है। यह कोई अंतिम आदेश (Final Order) नहीं है, इसलिए करदाता इसे टाल नहीं सकते।
Court ने क्या कहा?
- GST summons का पालन हर करदाता की कानूनी जिम्मेदारी है।
- समन केवल जांच प्रक्रिया का हिस्सा है, न कि अंतिम आदेश।
- अगर करदाता का केस पहले से SGST या CGST अथॉरिटी के पास लंबित है, तो इसकी जानकारी लिखित में देनी होगी।
- इससे दोहरी कार्रवाई और टैक्स विवादों से बचाव होगा।
GST Taxpayers के लिए इसका क्या मतलब है?
- अब GST summons को ignore करना संभव नहीं।
- Taxpayers को समय पर दस्तावेज़ और जानकारी देनी होगी।
- टैक्स प्रशासन और पारदर्शी व मजबूत होगा।
- GST compliance में सुधार होगा और धोखाधड़ी पर रोक लगेगी।
Experts की राय
Tax experts का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट का यह GST ruling टैक्स सिस्टम के लिए बड़ा बदलाव है। इससे करदाता और Tax Authority के बीच भरोसा और पारदर्शिता बढ़ेगी।
यह फैसला GST taxpayers के लिए एक साफ संदेश है – Tax authority India की ओर से आने वाला समन सिर्फ एक औपचारिक कागज़ नहीं, बल्कि आपकी जिम्मेदारी है। अब करदाताओं को समय पर सहयोग करना होगा ताकि GST compliance और बेहतर हो सके।