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Meri Khamoshi Shayari: देर न करना घर जाने में वरना घर खो जायेंगे; Nida Fazli की ग़ज़ल

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Meri Khamoshi Shayari

Meri Khamoshi Shayari: देर न करना घर जाने में वरना घर खो जायेंगे; Nida Fazli की ग़ज़ल

Meri Khamoshi Shayari:

ग़ज़ल

तन्हा तन्हा हम रो लेंगे महफ़िल महफ़िल गायेंगे

जब तक आँसू पास रहेंगे तब तक गीत सुनायेंगे

तुम जो सोचो वो तुम जानो हम तो अपनी कहते हैं

देर न करना घर जाने में वरना घर खो जायेंगे

बच्चों के छोटे हाथों को चाँद सितारे छूने दो

चार किताबें पढ़ कर वो भी हम जैसे हो जायेंगे

किन राहों से दूर है मंज़िल कौन सा रस्ता आसाँ है

हम जब थक कर रुक जायेंगे औरों को समझायेंगे

अच्छी सूरत वाले सारे पत्थर-दिल हों मुमकिन है

हम तो उस दिन राय देंगे जिस दिन धोखा खायेंगे

निदा फ़ाज़ली

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