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Lakshadweep visit : आखिर लक्षद्वीप कितना तैयार है पर्यटकों के लिए?
साल की शुरुआत में लक्षद्वीप में प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान जिस तरह भारत और मालदीव के बीच विवाद उत्पन्न हुआ उसने असाधारण तौर पर भारतीयों का ध्यान लक्षवीप की और खींच कर वहां पर पर्यटन की संभावनाओं को अत्यधिक बढ़ा दिया है। साथ ही वहां पर पर्यटन को लेकर ज़रूरी ढांचा और सुविधाओं के बारे में भी चर्चा उत्पन्न हुए है।
लक्षद्वीप, अरब सागर में मालदीव के उत्तर की और स्थित भारतीय द्वीपसमूह है जहाँ जनवरी के आरंभ में न्प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कई बड़ी विकास परियोजनाओं की घोषणा की थी। इसी दौरान मालद्वीव के तीन डिप्टी पामंत्रियों द्वारा दिए गए बयानों ने भारत और मालदेव के बीच वो विवाद पैदा किया कि दोनों देशों के बीच खटास पैदा हो गई।
लेकिन इसका एक बड़ा फ़ायदा लक्षद्वीप के मिला क्योंकि इस विवाद के कारण भारत में लक्षदीप को खूब सर्च किया और ये द्वीप समूह प्रमुख पर्यटन के आकर्षण के तौर पर उभरा। ऑनलाइन ट्रेवल कंपनी मेक माय ट्रिप ने बयाया की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे के दौरान मेक माय ट्रिप की वेबसाइट पर 3400% की वृद्धि दर्ज की गई थी।
यह लक्षद्वीप और यहाँ रहने वाले लोगों के लिए एक बड़ा बदलाव हो सकता है, परन्तु साथ ही इस क्षेत्र में कई चुनौतियां भी पैदा कर सकता है, जिनमें से एक है पर्यटन के लिए आधारभूत ढ़ाँचे की कमी को पूरा करना और दूसरा है स्थानीय लोगों को इसका हिस्सा बनाना ताकि वह भी विकास में साझेदार हो सके. वहीं पर्यावरणविदों और वैज्ञानिकों का कहना है कि लक्षद्वीप से सुन्दर नीले तट बहुत संवेदनशील हैं, और वहां के जलीय जीव और वनस्पति इस कारण खतरे में आ सकते हैं,