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Monkeypox Virus India: अफ्रीका से चला मंकी वायरस पाकिस्तान तक पहुंचा। भारत को कितना खतरा ?

विश्व स्वास्थय संगठन ने मंकी पॉक्स को लेकर एक महत्वपूर्ण चेतावनी जारी की है जिसमे उसने इसे खतरे में सबसे ऊपर रखते हुए इसे “पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ऑफ इंटरनेशनल कंसर्न” (PHEIC) घोषित कर दिया है और पूरी दुनिया के देशो को सतर्क रहने के लिए कहा है।

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Monkeypox Virus India: अफ्रीका से चला मंकी वायरस पाकिस्तान तक पहुंचा। भारत को कितना खतरा ?

Monkeypox Virus India: अफ्रीका से चला मंकी वायरस पाकिस्तान तक पहुंचा। भारत को कितना खतरा ?

Monkeypox Virus India: एमपॉक्स (मंकी पॉक्स) वायरस को विश्व स्वास्थय संगठन ने खतरनाक बीमारियों की लिस्ट में शामिल किया है। और यह पकिस्तान समेत अब तक 17 देशों में फ़ैल चुका है, और इसका दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। दुनिया भर में अब तक इस के 20,000 केस मिल चुके हैं। ऐसे में भारत को क्या खतरा हो सकता है आइये जानते हैं।

Monkeypox Virus India in Hindi: विश्व स्वास्थय संगठन ने बताया है सबसे बड़ा खतरा।

विश्व स्वास्थय संगठन ने मंकी पॉक्स को लेकर एक महत्वपूर्ण चेतावनी जारी की है जिसमे उसने इसे खतरे में सबसे ऊपर रखते हुए इसे “पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ऑफ इंटरनेशनल कंसर्न” (PHEIC) घोषित कर दिया है और पूरी दुनिया के देशो को सतर्क रहने के लिए कहा है। WHO के महानिदेशक डॉक्टर टेड्रोस एबनॉम घेबरियसस ने बताया कि 15 अगस्त को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की आपातकालीन समिति की बैठक हुई थी। इस बैठक में इस नई बीमारी के फैलने और महाद्वीप में इसकी वैक्सीनेशन की कम उपलब्धता होने के बारे में भी चर्चा हुई।

Monkeypox Virus India: भारत को कितना खतरा, और क्या है भारत की तैयारियां?

विश्व भर में एमपॉक्स की मौजूदा स्थिति को समझते हुए भारत सरकार अलर्ट मोड़ पर है। फिलहाल भारत में इस का कोई मामला सामने नहीं आया है। केंद्रीय स्वास्थय मंत्री की अध्यक्षता में शनिवार को एक अहम् बैठक हुई। इस बैठक में सावधानी के तौर पर कई ज़रुरी कदम उठाने का फैसला लिया गया। इन क़दमों के अंतर्गत सभी हवाई अड्डों, बंदरगाहों और सीमा चौकियों पर स्वास्थ्य यूनिट्स को सतर्क करने, मामलों की पहचान करने और मरीज़ों को अलग कर के स्वास्थय सुविधाएं मुहैया करने के निर्देश दिए गए।

आखिर क्या है मंकीपॉक्स ?

एमपॉक्स वायरस अफ्रीकी देशों में पाया जाता है, लेकिन इस बार कांगों में पाया जाने वाला वायरस है जिसे ‘क्लेड 1b’ कहा जाता है। इससे पहले फैले हुए वायरस के मामलों में मृत्यु दर 1% होती थी, लेकिन इस में 3% बताई जा रही है, जो अन्य एमपॉक्स वायरस के मामले में काफी ज़्यादा है।

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